राजेश खन्ना भारतीय सिनेमा के पहले "सुपरस्टार" थे। उनकी लोकप्रियता 1969 से 1975 के बीच चरम पर थी, जब वे लगातार 15 सुपरहिट फिल्में देने वाले पहले अभिनेता बने। उनके रोमांटिक अंदाज, मुस्कान और अभिनय ने उन्हें लाखों दिलों की धड़कन बना दिया।
प्रारंभिक जीवन
पूरा नाम: जतिन खन्ना
जन्म: 29 दिसंबर 1942, अमृतसर, पंजाब
मृत्यु: 18 जुलाई 2012, मुंबई
पढ़ाई: के.सी. कॉलेज, मुंबई
राजेश खन्ना को उनके गार्जियन ने गोद लिया और बड़ा होने के बाद उन्होंने फिल्मों में करियर बनाने का फैसला किया।
फिल्मी करियर की शुरुआत (1966-1969)
1965 मे "फिल्मफेयर टैलेंट हंट" जीतने के बाद उन्हें ब्रेक मिला।
पहली फिल्म: "आखिरी खत" (1966)
1969 में "अराधना" और "दो रास्ते" ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया।
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सुपरस्टारडम का दौर (1969-1975)
1969 से 1975 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं।
प्रमुख फिल्में:
"कटी पतंग" (1970)
"सफर" (1970)
"आनंद" (1971) – उनकी सबसे यादगार फिल्म
"अमर प्रेम" (1972)
"नमक हराम" (1973)
उनकी फिल्मों के गाने, विशेष रूप से किशोर कुमार की आवाज़ में, अमर हो गए।
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करियर में गिरावट और राजनीति (1976-1990)
1975 के बाद अमिताभ बच्चन के उदय से उनकी लोकप्रियता घटी।
फिर भी उन्होंने "अवतार" (1983), "सौतन" (1983), "अगार" (1987) जैसी सफल फिल्में दीं।
1992 में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा चुनाव जीता।
निजी जीवन
पत्नी: डिंपल कपाड़िया (1973 में शादी, बाद में अलग हो गए)
बच्चे: ट्विंकल खन्ना, रिंकी खन्ना
अफेयर: अंजू महेंद्रू से उनका रिश्ता 7 साल चला।
सम्मान और उपलब्धियां
फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड (3 बार)
फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2005)
भारतीय सिनेमा का पहला सुपरस्टार
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मृत्यु और विरासत
18 जुलाई 2012 को कैंसर के कारण निधन हुआ।
उनके अतिम शब्द थे "Time ho gaya, pack up!"
आज भी वे रोमांस के बादशाह के रूप में याद किए जाते हैं।
निष्कर्ष
राजेश खन्ना की कहानी संघर्ष, सफलता और प्रसिद्धि के उतार-चढ़ाव की मिसाल है। वे सिनेमा के पहले सुपरस्टार थे, जिनकी
दीवानगी आज भी कायम है।
आपको उनकी कौन सी फिल्म सबसे ज्यादा पसंद है? 😊
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