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मदर्स डे (मातृ दिवस) 11 मई पर विशेष / Mother's Day Special on May 11

मदर्स डे (मातृ दिवस) 11 मई पर विशेष /  Mother's Day Special on May 11



मदर्स डे (मातृ दिवस) 

‘मदर्स डे’ मई माह के दूसरे सप्ताह रविवार को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 11 मई 2025, रविवार को मनाया जा रहा है। मदर्स डे, मनाने की शुरुआत 8 मई 1908 में अमेरिका में हुई जब एक्टिविस्ट एना जार्विस ने अपनी माँ एन रीब्स जार्विस की याद में कार्यक्रम का आयोजन किया। तभी से मदर्स डे हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। 

‘बच्चे की प्रथम गुरु होती है माँ

मदर्स डे’ मनाने की औपचारिक घोषणा 9 मई, 1914 को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा की गई। दुनिया के बहुत से देश अमेरिका, न्यूजीलैंड, कनाडा तथा भारतवर्ष में मदर्स डे को पर्व के रूप में मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस दिवस के मनाने का उद्देश्य माँ की महिमा का बखान करना तथा माँ के त्याग, समर्पण व परिवार के प्रति दी गई कुर्बानियों को याद करना है। माँ जो बच्चों को नौ महीने अपनी कोख में पालती है, शारीरिक व मानसिक कष्ट सहती है, त्याग करती है तथा बच्चों की पीड़ा सहन करते हुए जन्म देती है। बच्चों को माँ पालती-पोसती तथा उसके सुख-दुख में रातों जागती है। बच्चे को क्या चाहिए माँ बिन बताए समझ जाती है। 

माँ बच्चों की ‘प्रथम गुरु’ कहलाती है तथा बच्चों को चलना, बोलना व अच्छे संस्कार देकर उनका भविष्य संवारती है। संतान को विश्वास दिलाने, विश्वास जमाने और मजबूत बनाने में माँ की महती भूमिका होती है। माँ बच्चे को जीना भी सिखाती है। माँ खुद तकलीफ सहन करती है पर बच्चों को हर तरह की सुविधाएं जुटाने के लिए दिन रात मेहनत करती है बच्चों की गलतियों पर माँ उन्हें डाटती, फटकारती फिर उन्हें प्यार से खुद मनाती है-

‘‘बच्चों के दुख में रोती है माँ
बच्चों को खिलाकर सोती है मां
मत दुखाना दिल माँ का कभी
भगवान की मूर्त होती है माँ।’’

माँ ममता की मूरत होती है जो अपना पूरा जीवन त्याग व समर्पण में व्यतीत कर देती है। माँ बच्चों की सखा बनकर उनके सुख-दुख में हमेशा साथ रहती है। माँ बच्चों की परवरिश करते हुए अपने सुख व खुशियाँ भूल जाती है। बच्चों के हंसने व मुस्कुराने पर खुशी के भाव झलकते हैं तथा बच्चे के रोने पर माँ दुखी हो जाती है। माँ के पास परिवार की ढेर सारी जिम्मेवारी होती है जिन्हें वह निभाने के लिए दिन रात एक कर देती है। माँ बच्चों की केवल माँ ही नहीं दोस्त बनकर उसके सुख-दुख में साथ रहती है। 

 

बच्चे के स्कूल जाने से स्कूल से आने तक वह उसकी राह देखती रहती है। बच्चे के बड़े हो जाने व पढ़-लिखकर अच्छे पद पर पहुँचने पर माँ को जितनी खुशी होती है उसको बयाँ नहीं किया जा सकता।

 

दुनिया में माँ का दर्जा सबसे ऊँचा होता है, क्योंकि ममता, करुणा, प्रेम माँ ही सिखाती है। माँ का दिल बच्चे के स्कूल का कमरा है तथा सबसे बड़ा विद्यापीठ एक माँ का घुटना होता है यहाँ तक कहा जाता है कि माँ एक ऐसा बैंक है जहाँ हम अपनी चोटों, और अपनी परेशानियों को जमा कर सकते हैं। माँ का हृदय एक गहरी खाई के समान होता है जिसमें नीचे आप हमेशा क्षमा पायेगे।

माँ का प्यार चिरस्थायी और बिना शर्त वाला होता है वही हमें चमकते सितारे बनाती है तथा हर साँचे में ढलने लायक बनाती है। बच्चा घर से खाली पेट न निकले यह हर माँ सुनिश्चित करती है क्योंकि बच्चों की सेहत की परवाह माँ जितनी किसी को नहीं होती। माँ बच्चों को समय से सोना व उठने की आदत डालती है तथा घड़ी के अलार्म की भांति माँ बच्चों को समय पर जगाकर स्कूल के लिए तैयार करती है। माँ शब्द अपने आप में सम्पूर्ण है वह प्यार का अहसास है दर्द की दवा है मां का रिश्ता निस्वार्थ प्रेम नौ माह की कोख से ही जुड़ जाता है तथा ताउम्र चलता है।

मदर्स डे’ पर सभी बेटा-बेटियों का दायित्व बनता है कि वे माँ को अच्छे-अच्छे उपहार देकर उनका सम्मान करे तथा प्रतिदिन माँ के काम में हाथ बंटाकर उसे प्यार दे तथा माँ के प्यार व उसकी कुर्बानियों को सदैव याद रखते हुए माँ के स्वास्थ्य व उसके खान-पान का ध्यान रखें व बुजुर्ग माँ को समय दे तथा उनकी बातों को भी सुने।

मदर्स डे पर अपनी माँ को उपहार के साथ-साथ हमने जो मुकाम हासिल किया है अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूकर समाज में मान सम्मान पाया है उसका श्रेय अपनी माँ को देने का प्रयास करें। अपने दोस्तों और साथियों के बीच अपनी माँ की प्रशंसा करें तथा उनका सम्मान करें, इससे माँ को आंतरिक खुशी मिलती है। हम कितने भी बड़े हो जाएं, शादीशुदा बच्चों के परिवार वाले हो जायें तो भी हम माँ को महसूस करवायें कि माँ की उन्हें कितनी जरूरत है तथा अपनी खुशियों में माँ को शामिल करे तथा माँ के प्रति सम्मान व प्रेम को प्रदर्शित करना चाहिए। 

माँ 👩 का आँचल माँ का प्रेम संतान के लिए गहरा व अटूट होता है। माँ की पसन्द के पकवान आदि खिलाकर खुशियों का इजहार करें। जिस घर में माँ बाप खुश रहते हैं। वहीं पर भगवान निवास करते हैं इसी बात को मध्यनजर रखते हुए माँ को खुशियां भरा तोहफा देना ही मदर्स डे मनाना सार्थक होगा। सभी देशवासियों को ‘मदर्स डे’ की हार्दिक शुभकामनायें।

📝लेखक: श्री मनीराम सेतिया सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य

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