धर्मेन्द्र ने एक बार अपना वादा पूरा करने के लिए एक निर्देशक से लड़ाई कर ली थी
धर्मेन्द्र ने चश्मे बददूर, स्पर्श और कथा जैसी फिल्में बनाने वाली निर्देशिका sai paranijype के साथ एक फ़िल्म बनाने की घोषणा की थी जिसका नाम था बिछु, ..चूंके साई एक आर्ट फिल्मों की निर्देशिका थी और धर्मेन्द्र एक कम्रशील फिल्मों के हीरो थे..तो इसी वजह से सभी को इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतज़ार था.. ऐसे में इस जोड़ी की फ़िल्म बनना बेहद ही रौचक जान पड़ रहा था..ऐसे में धर्मेन्द्र को याद आया के सालों पहले उन्होंने शंकर जयकिशन से वादा किया था के वो उन्हें अपनी प्रोडक्शन की फिल्म में उनसे संगीत लेंगे...उस वख्त जै किशन की मृत्यु हो चुकी थी लेकिन शंकर अभी भी कार्यरत थे..और ऐसे में धर्मेन्द्र ने शंकर से बात करके उन्हें अपना म्यूजिक डायरेक्टर चुन लिया..और वहीँ दूसरी तरफ साई अपनी फिल्म के लिए राजकमल को म्यूजिक निर्देशक लेना चाहती थी...उस का एक कारण ये भी था के उस समय लता मंगेशकर और शंकर जी के बीच कुछ मनमुटाव चल रहा था..और साई चाहती थी के लता जी उस फिल्म में गाने गाए..इसलिए वो शंकर को निर्देशक लेने के हक़ में नहीं थी...इस विशेय पर साई और धर्मेन्द्र के बीच काफ़ी विव्वाद हुआ और शंकर जी धर्मेन्द्र से कहने लगे के आप धर्म जी किसी और को म्यूजिक निर्देशक ले लीजिए.लेकिन धर्मेन्द्र ने पैसों से ऊपर, अपने असूलों को तरजीह देते हुए म्यूजिक निर्देशक बदलने की बजाय फ़िल्म को ही बन्द करने का निर्णय ले लिया
धर्मेंद्र से पहले बंदिनी फिल्म किस किस को ऑफर हुई थी
हालांके धर्मेन्द्र ने पहली फ़िल्म बिमल रॉय दुआर निर्मित "बंदिनी" साइन की थी लेकिन इस फ़िल्म को बनने में इतना समय लग गया था के ये फ़िल्म धर्मेन्द्र की सातवीं फ़िल्म साबित हुई... जब साल 1963 में "बंदिनी" रिलीस हुई तो इससे पहले धर्मेन्द्र 6 और फिल्मे कर चुके थे.. धर्मेन्द्र के साथ इस फ़िल्म में एक्ट्रेस नूतन ने काम किया था..लेकिन डायरेक्टर बिमल रॉय पहले नूतन की जगह पर वैजयन्ती माला को लेना चाहते थे
लेकिन स्टार्स की वही प्रॉब्लम उनके आढ़े आ गई.. मसलन उस वक्त वो बहुत बिज़ी थी इसलिए वैजयन्ती माला ने इस फ़िल्म को करने से इनकार कर दिया.. हालांके फ़िल्म हिट होने के बाद उन्हें इसका बहुत पछतावा भी हुआ था.. जब नूतन को इस फ़िल्म में साइन किया गया तब वो भी प्रेग्नेट थी.. इस फ़िल्म की रिलीस से पहले उनका बेटा मोहनीश बहल 14 अगस्त 1961को पैदा हो चुका था
कहते है के बिमल रॉय धर्मेन्द्र को विकास का किरदार देना चाहते थे और शशि कपूर को जेल डॉक्टर देवेंद्र का लेकिन विकास के किरदार के लिए कोई एक्सपीरियंस ऐक्टर चाहिए था.. इसलिए इस किरदार के लिए अशोक कुमार को लिया गया.. और धर्मेन्द्र को डॉक्टर का किरदार दिया गया..
धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने शादी से पहले अपने इस्लामिक नाम रखे थे
सुपरस्टार, ही मैन धर्मेन्द्र और ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी का इश्क़ किसी से छिपा हुआ नहीं है..कहते है के फ़िल्म "तुम हसीन मैं जवान" का सेट सच मे किसी रोमांटिक लव स्टोरी का एक जन्मदाता बन गया था वहीं पर धर्मेन्द्र ने हेमा मालिनी को पहली बार देखा और वो सच मे इस पंजाबी जाट की ड्रीम गर्ल बन गई थी
जैसे हर किसी लव स्टोरी में कोई न कोई दिक्कत तो ज़रूर आती है जिसे पार किए बगैर उस इश्क़ को मंज़िल हासिल नहीं होती..तो धर्म के सामने भी एक आग का दरिया था
वो थी उनकी पहली पत्नी..जिसे छोड़ने का उनके मन मे कभी भी ख्याल नहीं आया..गाओ देहात का होने की वजह से ये भी उनकी एक बड़ी जिमेवारी थी और इस जिमेवारी से वो अपना मुख नहीं मोड़ सकते थे..और उस धर्म मे रहते हुए वो दूसरी शादी भी नहीं कर सकते थे तो हेमा मालिनी से ,अपनी ड्रीम गर्ल से शादी करने के लिए धर्मेन्द्र ने साल 1979 में इस्लाम धर्म कबूल करके अपना नाम "दिलावर खान केवल कृष्ण" और हेमा मालिनी ने अपना नाम "आयशा बी आर चक्रवर्ती रखा और दोनों ने अपने प्यार को साल 1980 में शादी करके परवान चढ़ाया..और आज वो पोते पोतियों के बीच एक खुशहाल परिवार सहित एक खुशहाल ज़िन्दगी व्यतीत कर रहे हैं.